Dr Zakir Naik की वो बातें जो उन्हें दूसरे मौलानाओं से अलग बनाती हैं

A Unique Da'ee Of Islam- Dr Zakir Naik

A Unique Da'ee Of Islam- Dr Zakir Naik,

Dr Zakir Naik को हम सभी जानते हैं, अक्सर Zakir Naik चर्चा में बने रहते हैं। 2016 में ढाका में आतंकवादियों के हमले में एक हमलावर का इनसे प्रेरित होना बताया गया जबकि इस अफवाह के बाद Dr Zakir Naik की प्रसिद्धि और ज़्यादा बढ़ गयी। सिर्फ फेसबुक की बात करें तो 2 मिलियन लोगों ने इस अफवाह के बाद उन्हें फॉलो किया।
आइए आज हम Dr Zakir Naik के बारे में कुछ ऐसी बातें बताते हैं जो उन्हें दूसरे मौलानाओ से अलग बनाती हैं।

1. मीडिया का इस्तेमाल

A Unique Da'ee Of Islam- Dr Zakir Naik


1990 के दौर में Zakir Naik ने इस्लाम का प्रचार शुरू किया। उस दौर में कुछ को छोड़ दे तो मुस्लिम स्कॉलर मीडिया में सिर्फ किताबों का ही इस्तेमाल करते थे, ज़ाकिर नाइक ने टीवी चैनल के ज़रिए इस्लाम की तब्लीग शुरु की। Zakir Naik का ये कदम बाकी मुसलमानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ, 2006 में ज़ाकिर नाइक ने अपना चैनल Peace tv शुरु किया। शुरुआत में यह चैनल 75% इंग्लिश और 25% उर्दू प्रोग्राम्स देता था, 2009 में zakir naik ने दूसरा चैनल Peace tv Urdu शुरु किया और फिर 2011 में Peace tv Bangla, 2016 में Peace Tv Chinese शुरु किया। इस कामयाबी को देखते हुए कई नए चैनल सामने आए जो इस्लाम की तालीम देने का काम कर रहे हैं।

2. पहनावा


आमतौर पर यह एक राय बन चुकी है कि मुसलमानों को कुर्ता पायजामा पहनना चाहिये यही उनका मज़हबी लिबास है, दरअसल यह मज़हब नही बल्कि संस्कृति का हिस्सा है। zakir Naik ने एक अलग ही नज़रिया पेश किया वे खुद सूट और टाई पहनते थे, ज़ाकिर नाइक के इस कदम ने भारत मे इस्लाम को इस कट्टरता से बाहर निकाला कि मुसलमान सिर्फ कुर्ता पायजामा पहनें।
Zakir Naik के पहनावे को लेकर उनके आलोचक अक्सर आलोचना करते रहते हैं।

3. इंग्लिश में बयान


हिंदुस्तान में ज़्यादातर मौलाना उर्दू में बयान देते थे Zakir Naik ने उनसे उलट इंग्लिश को अपनाया, कुछ साल उर्दू में भी काम किया पर उनके ज़्यादातर लैक्चर इंग्लिश में ही हैं। बंगला और चाइनीस चैनल पर ज़ाकिर नाइक की डब तकरीरें दिखाई जाती है।

4. पीस कॉन्फ्रेंस

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Zakir Naik ने 2007 में पीस कॉन्फ्रेंस का सिलसिला शुरु हुआ, 10 दिन की ये कॉन्फ्रेंस मुम्बई में आयोजित की जाती थी, 2007 से लगातार 2011 तक zakir naik ने पीस कॉन्फ्रेंस कीं। 2012 में कुछ राजनीतिक पार्टियों के दवाब में सरकार ने उन्हें पीस कॉन्फ्रेंस करने की इजाज़त नही दी। फिलहाल zakir naik मलेशिया में है जहाँ कुछ कुछ समय पर वो तकरीरें करते रहते हैं।

5. सभी धर्मों में समानता

Zakir naik सिर्फ इस्लाम के ही नही बल्कि दुनिया के दूसरे बड़े धर्मों के भी अच्छे जानकार है, स्टेज पर अक्सर बाइबल वेद और कुरआन में समानताओं को बताते रहते हैं।
धर्म के ठेकेदारों को छोड़कर धर्म की किताबों से जानकरी हासिल करने की राय लोगो को बहुत पसंद आई दुनिया भर में zakir naik की तकरीरें सुनकर लोग धर्म के ठेकेदारों की दुकानें बंद करा रहे हैं।

6. इस्लामिक स्कूल

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भारत में मुसलमानों की तालीम का हाल हम सभी जानते हैं, अक्सर मौलाना मदरसे की पढ़ाई पर ज़ोर देते हैं, Zakir Naik ने इस मैदान में भी अनूठा काम करके दिखाया। Zakir Naik ने 2000 में Islamic International School कायम किया जो इन दिनों Avesina rnational School के नाम से  चल रहा है। इस स्कूल को देखकर दुनिया भर में इस तरह के स्कूल खोले गए, खुद हमारे देश मे अलग अलग शहरों में लोगो ने इस तरह के स्कूल खोले हैं।


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