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मुझे भारत के संविधान से मुहब्बत है : डॉ ज़ाकिर नाइक ।। Latest Article 2018

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53 वर्षीय इस्लामी प्रचारक डॉ ज़ाकिर नाइक इन दिनों मलेशिया में हैं, 2016 में ढाका में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी को ज़ाकिर नाइक से जोड़कर भारतीय मीडिया ने इनकी जम कर आलोचना की। ज़ाकिर नाइक लगातार मीडिया द्वारा लगाए जा रहे झूठे आरोपों पर अपनी प्रतिकिया देते रहे हैं तथा इंडियन मीडिया का पर्दाफाश करते रहे हैं।  Suggested Read: ज़ाकिर नाइक की वो बातें जो उन्हें दूसरे मौलानाओं से अलग बनाती हैं 2016 में इंडियन मीडिया ने ज़ाकिर नाइक की आलोचना करने के लिए इस बात का सहारा लिया कि कई देशों ने ज़ाकिर नाइक को बैन किया हुआ है और इस्लामी देश मलेशिया ने भी ज़ाकिर नाइक पर पाबंदी लगाई हुई है। इस बात के झूठे होने का खुलासा बड़े स्तर पर तब हुआ जब ज़ाकिर नाईक को मलेशिया सरकार ने मलेशिया में स्थायी निवास दिया और जुलाई 2018 में मलेशिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद ज़ाकिर नाइक के समर्थन में उतरे। ज़ाकिर नाइक दिसम्बर 2018 में मलेशिया के पेरलिस शहर में लेक्चर टूर पर गए थे जहां उनके भाषणों को सुनने के लिये हज़ारो लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी। Suggested Read : ज़ाकिर नाइक क

Reply To Rakhi sawant and Sana khan | हर मुसलमान को हिजाब के बारे में ये बातें जान लेनी चाहिए

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सना खान और राखी सावंत को जवाब! हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो Viral किया जा रहा है, जिसमे दो लड़कियाँ जो टीवी कलाकार हैं, बुर्का पहनने के इस्लामी हुक्म का मज़ाक उड़ा रही हैं और इस तरह क़ुरआन और इस्लाम मे कमियाँ निकाल कर इस्लाम को बदनाम कर रही हैं। बताया जा रहा है कि यह वीडियो 24 नवम्बर का है जिसमे अक्सर उल्टे सीधे बयान देकर सुर्खियां बटोरने वाली साइड एक्ट्रेस राखी सावंत और सना खान हैं। वे दोनों वीडियो में कहती नज़र आ रही हैं कि मुस्लिम घरानों में लड़कियो को बुरका पहनने को कहा जाता है और वो सवाल उठाती है कि मुस्लिम लोग लड़को को आंखों पर पर्दा डालने को क्यों नही सिखाते। आइये हम इनके उठाए गए सारे सवालों के जवाब आपके सामने पेश कर देते हैं। क़ुरआन की सिर्फ एक आयत इनके सवालों के लिए काफी है। अल्लाह,  क़ुरआन में सूरह नूर, अध्याय 24 आयत 30 में मर्दो को हुक्म देते हैं - ए मुहम्मद (स) आप मुस्लिम मर्दो से कह दीजिए कि अपनी नज़रों को नीचे रखे और अपने गुप्तांगों की हिफाज़त करे यही उनके लिए बेहतर है। इस आयत में मर्दो को हुक्म देने के बाद अल्लाह ने आयत 31 में औरतों को पर्दे का

कहानी बौद्ध धर्म छोड़ कर मुसलमान बने शख्स की । Buddhist To Muslim Latest Article 2018

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इस्लाम दुनिया का सबसे तेज़ी से फैलने वाला धर्म दुनिया भर में रोज़ाना ही लोग धर्मो का गहरा अध्ययन करके इस्लाम कुबूल कर रहे हैं, दुनिया का कोई भी प्रोफेशन ऐसा नही बचा जहां से जुड़े विशेषज्ञों ने इस्लाम कुबूल ना किया हो। वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, इतिहासकार समय समय पर इस्लाम को सच्चा धर्म मानकर अपनाते रहे हैं। आज हम ऐसे ही एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जो एक बौद्ध परिवार में पैदा हुए, जिनका नाम है हुसैन यी। हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब कर के नई पोस्ट के नोटिफिकेशन पाइए। हुसैन यी दुनिया के जाने माने इस्लामी स्कॉलर है जो मलेशिया मे पैदा हुए, छोटी उम्र में ही सच्चे धर्म की खोज में लगे हुसैन यी 20वी शताब्दी के जाने माने मुहद्दिस (हदीस के जानकार) नासिरुद्दीन अल्बानी से मिले। नासिरुद्दीन अल्बानी से मिलकर हुसैन यी बहुत प्रभावित हुए और इस्लाम के बारे में जानना शुरु किया। 18 साल की उम्र में हुसैन यी ने इस्लाम कुबूल किया और बौद्ध से मुस्लिम बन गए।हुसैन यी अपनी इस्लामी ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए मदीना चले गए। हुसैन मदीना की यूनिवर्सिटी जामिआ इस्लामिया मदीना से इ

...मुहम्मद (स) ने वो किया जो किसी ने नहीं किया था! Prophet Muhammad Birthday

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मुहम्मद (स) इस दुनिया के वो शख्श हैं जिन्होंने हर काम को बड़े ही अच्छे ढंग से पूरा किया। मुहम्मद (स) धार्मिक नेता के रुप मे भी कामयाब रहे और एक राजनीतिक नेता के रुप मे भी कामयाब रहे। आज prophet Muhammad के Birthday पर हम उनकी रौशन ज़िन्दगी से वो हिस्सा पेश करने जा रहे हैं जो दुनिया के किसी बादशाह और शासक ने नही किया। ...मुहम्मद (स) ने वो किया जो किसी ने नहीं किया था! Prophet Muhammad Birthday मुहम्मद (स) अरब की सरजमीं पर पैदा हुए, मक्का शहर मुहम्मद (स) के जन्म का शहर था।इसी शहर में पले बढ़े और अपने चाचा अबू तालिब के साथ व्यापार करना सीखा और दूर दराज के देश सीरिया वगैरह में व्यापार के सिलसिले में जाना शुरू किया। मुहम्मद (स) को मक्का शहर से बहुत लगाव था, यही पैदा हुए, जवान हुए, शादी की और एक कामयाब पिता बने।इसी दौरान अल्लाह ने मुहम्मद (स) को आखिरी नबी का दर्जा दिया। इस्लाम की तब्लीग भी इसी शहर मक्का से शुरू हुई। मुहम्मद (स) मक्का के लोगों के बीच एक सच्चे और ईमानदार इंसान के तौर पर जाने जाते थे जब मुहम्मद (स) पहली बार खुले आम अल्लाह के हुक्म पर इस्लाम का प्रचार श

क़ुरआन और हमारे दिमाग से जुड़ा रहस्य | Quran and Human Brain

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Holy Quran and Human Brain | Latest article 2018 क़ुरआन अल्लाह की तरफ से भेजी गई आखिरी किताब है जो सभी इंसानो को जिंदगी जीने का सही तरीका बताती है। क़ुरआन सिर्फ एक धार्मिक किताब नही है जो सिर्फ पूजा पाठ के बारे में बताती हो बल्कि क़ुरआन अनेको विषयो पर अच्छे तरीके से इंसानो को राह दिखता है।  क़ुरआन में 6000 से ज़्यादा आयतें (Verses) हैं जिनमे में 1000 से ज़्यादा आयतें मॉडर्न साइंस के अलग अलग विषयों पर हमें जानकरी देती हैं। इस पोस्ट में हम ऐसी ही एक जानकरी देने जा रहे हैं।  इससे पहले की हम आपको क़ुरआन में बताई गई बात तक ले चले उससे पहले हम जान लेते हैं कि हमारा दिमाग काम किस तरह करता है। हमारा दिमाग और उससे जुड़ी कोशिकाएं तंत्रिका तंत्र (Nervous system)  बनाती है तंत्रिका तंत्र सोचने, समझने, याद रखने का काम करता है। हमारा दिमाग तीन हिस्सों में बंटा हुआ है, जिसमे सबसे आगे का हिस्सा प्रमस्तिष्क (Cerebrum) कहलाता है।  प्रमस्तिष्क भी कुछ भागों में बंटा हुआ है, इसका एक भाग है जिसे प्री फ्रंटल कोर्टेक्स (Prefrontal Cortex) कहा जाता है। कुछ दशक पहले की रि

दिन भर की जाने वाली सुन्नतें | Daily Sunnah Act

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वो सुन्नतें जो हमें रोज़ाना करनी चाहिए। Daily Sunnah Act सुन्नत अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है तरीका (ढंग) , मुसलमानों के लिए सुन्नत का मतलब वो ढंग या तरीका है जो आखिरी नबी मुहम्मद (स) ने अपनाया है। मुहम्मद (स) ने अपनी ज़िंदगी मे हर एक काम को खास ढंग से किया, आइए ऐसी ही कुछ सुन्नतों को जानते हैं जो नबी(स) रोज़ाना की ज़िंदगी मे करते थे। 1. सोकर उठते ही मुँह पर हाथ फेरना। मुहम्मद (स) जब सोकर उठते तो पहले बैठ जाते और अपने हाथों से अपने चेहरेको रगड़ते ताकि नींद का नशा कम हो। (इस हदीस को बुखारी ने आपनी किताब में शामिल किया है) 2. टॉयलेट में चुप रहना। नबी(स) की हदीसो से ये पता चलता है कि नबी (स) ने हमे ये सिखाया है कि जब हम टॉयलेट में जाएँ तो कुछ बातचीत न करें। हाल ही कि रिसर्च से पाया गया है कि टॉयलेट में ऐसे खतरनाक जर्म्स होते हैं जो हमारे शरीर मे घुस कर हमे बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। 3. अच्छी बात कहना या चुप रहना। नबी (स) अपने साथियों को नसीहत करते की तुम लोग बोलो तो अच्छा (सच और सही) बोलो नही तो खामोश रहो। इस सुन्नत से एक अहम नसीहत ये म

Dr Zakir Naik की वो बातें जो उन्हें दूसरे मौलानाओं से अलग बनाती हैं

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A Unique Da'ee Of Islam- Dr Zakir Naik Dr Zakir Naik को हम सभी जानते हैं, अक्सर Zakir Naik चर्चा में बने रहते हैं। 2016 में ढाका में आतंकवादियों के हमले में एक हमलावर का इनसे प्रेरित होना बताया गया जबकि इस अफवाह के बाद Dr Zakir Naik की प्रसिद्धि और ज़्यादा बढ़ गयी। सिर्फ फेसबुक की बात करें तो 2 मिलियन लोगों ने इस अफवाह के बाद उन्हें फॉलो किया। आइए आज हम Dr Zakir Naik के बारे में कुछ ऐसी बातें बताते हैं जो उन्हें दूसरे मौलानाओ से अलग बनाती हैं। 1. मीडिया का इस्तेमाल 1990 के दौर में Zakir Naik ने इस्लाम का प्रचार शुरू किया। उस दौर में कुछ को छोड़ दे तो मुस्लिम स्कॉलर मीडिया में सिर्फ किताबों का ही इस्तेमाल करते थे, ज़ाकिर नाइक ने टीवी चैनल के ज़रिए इस्लाम की तब्लीग शुरु की। Zakir Naik का ये कदम बाकी मुसलमानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ, 2006 में ज़ाकिर नाइक ने अपना चैनल Peace tv शुरु किया। शुरुआत में यह चैनल 75% इंग्लिश और 25% उर्दू प्रोग्राम्स देता था, 2009 में zakir naik ने दूसरा चैनल Peace tv Urdu शुरु किया और फिर 2011 में Peace tv Bangla, 2016 में Peace Tv Chines