क़ुरआन और हमारे दिमाग से जुड़ा रहस्य | Quran and Human Brain
Holy Quran and Human Brain | Latest article 2018
क़ुरआन अल्लाह की तरफ से भेजी गई आखिरी किताब है जो सभी इंसानो को जिंदगी जीने का सही तरीका बताती है। क़ुरआन सिर्फ एक धार्मिक किताब नही है जो सिर्फ पूजा पाठ के बारे में बताती हो बल्कि क़ुरआन अनेको विषयो पर अच्छे तरीके से इंसानो को राह दिखता है।
क़ुरआन में 6000 से ज़्यादा आयतें (Verses) हैं जिनमे में 1000 से ज़्यादा आयतें मॉडर्न साइंस के अलग अलग विषयों पर हमें जानकरी देती हैं।
इससे पहले की हम आपको क़ुरआन में बताई गई बात तक ले चले उससे पहले हम जान लेते हैं कि हमारा दिमाग काम किस तरह करता है।
हमारा दिमाग और उससे जुड़ी कोशिकाएं तंत्रिका तंत्र (Nervous system) बनाती है तंत्रिका तंत्र सोचने, समझने, याद रखने का काम करता है। हमारा दिमाग तीन हिस्सों में बंटा हुआ है, जिसमे सबसे आगे का हिस्सा प्रमस्तिष्क (Cerebrum) कहलाता है।
प्रमस्तिष्क भी कुछ भागों में बंटा हुआ है, इसका एक भाग है जिसे प्री फ्रंटल कोर्टेक्स (Prefrontal Cortex) कहा जाता है।
कुछ दशक पहले की रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है कि प्री फ्रंटल कोर्टेक्स हमारे सोचने और फैसला लेने का काम करता है। हम किन चीज़ों को चुनते हैं किन चीज़ों को छोड़ते हैं इन सबका फैसला प्री फ्रंटल कोर्टेक्स करता है।
prefrontal cortex Image source : www.neuropsychotherapist.com |
क़ुरआन हमे 1400 साल पहले इस बात की तरफ इशारा करता है। अल्लाह ने क़ुरआन के अध्याय 96 आयत 15-16 में कहा:
जिन्होंने अल्लाह पर विश्वास नही किया तो हम उन्हें पेशानी के बाल (forelock) से पकड़ कर खींचेगे, झूठी और गुनाहगार चोटी (forelock)
इस आयत में अल्लाह ने इशारा किया है कि अल्लाह पर यक़ीन ना लाने पर पेशानी के आसपास का हिस्सा ज़िम्मेदार है। जैसा कि हम ऊपर पढ़ चुके हैं कि सोचने समझने और फैसला लेने के लिए prefrontal cortex इस्तेमाल होता है। यहाँ क़ुरआन भी यही बात कह रहा है कि इस पेशानी के आसपास का हिस्सा ही है जिसकी वजह से इंसान फैसला करता है।
अल्हम्दुलिल्लाह! क़ुरआन में ऐसी हज़ारों आयतें हैं जो साइंस के अलग अलग विषयों पर हैरतअंगेज़ बयान देती हैं।
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