दिन भर की जाने वाली सुन्नतें | Daily Sunnah Act
वो सुन्नतें जो हमें रोज़ाना करनी चाहिए। Daily Sunnah Act
सुन्नत अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है तरीका (ढंग) , मुसलमानों के लिए सुन्नत का मतलब वो ढंग या तरीका है जो आखिरी नबी मुहम्मद (स) ने अपनाया है।
मुहम्मद (स) ने अपनी ज़िंदगी मे हर एक काम को खास ढंग से किया, आइए ऐसी ही कुछ सुन्नतों को जानते हैं जो नबी(स) रोज़ाना की ज़िंदगी मे करते थे।
1. सोकर उठते ही मुँह पर हाथ फेरना।
मुहम्मद (स) जब सोकर उठते तो पहले बैठ जाते और अपने हाथों से अपने चेहरेको रगड़ते ताकि नींद का नशा कम हो।
(इस हदीस को बुखारी ने आपनी किताब में शामिल किया है)
2. टॉयलेट में चुप रहना।
नबी(स) की हदीसो से ये पता चलता है कि नबी (स) ने हमे ये सिखाया है कि जब हम टॉयलेट में जाएँ तो कुछ बातचीत न करें। हाल ही कि रिसर्च से पाया गया है कि टॉयलेट में ऐसे खतरनाक जर्म्स होते हैं जो हमारे शरीर मे घुस कर हमे बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं।
3. अच्छी बात कहना या चुप रहना।
नबी (स) अपने साथियों को नसीहत करते की तुम लोग बोलो तो अच्छा (सच और सही) बोलो नही तो खामोश रहो।
इस सुन्नत से एक अहम नसीहत ये मिलती है कि बेवजह ज़्यादा बोलना अच्छी आदतों में से नही है, जब भी हम बोलें तो सोचकर समझकर बोलें।
4. बालों की देखभाल करना।
शायद यह आपको थोड़ा हैरतअंगेज लगा हो पर मुहम्मद (स) की सुन्नत में यह भी शामिल है कि हम आपने बालों की देखभाल करें, वक्त पर उनकी सफाई और उसकी ज़रूरतें तेल वगैरह लगाएँ। जब कोई शख्स बिखरे बाल लेकर नबी (स) के पास आता तो आप उसे कहते कि कितना अच्छा होता जो तुम इन बालो को सँवार कर रखते।ko
5. बीमार लोगों से मिलना।
यह एक बहुत ही अहम सुन्नत है जो कि कई बार अलग अलग हदीसो में दोहराई गयी है, बीमार से मिलना उसके लिए दुआ करना और उसे इस तकलीफ में सब्र देना, यह सुन्नत में शामिल है।
6. लोगों से मिलते हुए सलाम करना।
सलाम यानी एक दूसरे को सलामती भलाई और बरकत की दुआ देना। जब भी हम किसी से मिले तो हम उसे सलाम करें साथ ही उसका मतलब भी समझें ,पूरे अहसास से सलाम करें और अहसास के साथ ही दूसरों को सलाम का जवाब दें। सलाम हमारे समाज की एक बुनियादी चीज़ है जो दुनिया भर के मुसलमानों को एक धागे में बांधे हुए है।
Comments
Post a Comment