इमाम बुखारी के बारे में वो बातें जो आप नहीं जानते होंगे। Life of Imam Bukhari
इमाम बुखारी के बारे में वो बातें जो आप नहीं जानते होंगे। Life of Imam Bukhari
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इमाम बुखारी (imam bukhari) एक ऐसी शख्सियत हैं जिनका नाम हर मुसलमान ने कभी न कभी सुना होगा।
1. इमाम बुखारी का पूरा नाम अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद इब्न इस्माइल इब्न इब्राहिम था, इनकी पैदाइश बुखारा शहर में हुई जिसकी वजह से इनका नाम बुखारी पड़ा।
2. इमाम बुखारी के दादा ने ईरान के बादशाहों के ज़रिए इस्लाम कुबूल किया और इनके पिता हदीस के उस्ताद थे।
3. इमाम बुखारी ने अपने भाई और माँ के साथ उमरा किया और उसके बाद से उनमे हदीस के लिए सफर करने की इच्छा हुई।
4. इमाम बुखारी ने मिस्र, इराक, इरान, दमिश्क, मदीना, मक्का, सीरिया और कई दूर दराज की जगहों पर हदीस का इल्म लेने के लिए सफर किया।
5.शाफ़ई मसलक के लोगों का कहना है कि इमाम बुखारी शाफ़ई मसलक को मानते थे जबकि ज़हीरी मसलक के लोगो का मानना है कि इमाम बुखारी ज़हीरी मसलक के मानने वाले थे। जबकि इतिहासकारों का कहना है कि इमाम बुखारी हंबली मसलक के थे,
इस बारे में इमाम ज़हबी की राय सबसे अलग और बेहतर है, इमाम ज़हबी कहते हैं कि इमाम बुखारी एक मुजतहिद थे जोकि अपना इज्तिहाद खुद बना सकते थे और इज्तिहाद के लिये उन्हें किस मसलक को मानने की ज़रुरत नही थी।
इस बारे में इमाम ज़हबी की राय सबसे अलग और बेहतर है, इमाम ज़हबी कहते हैं कि इमाम बुखारी एक मुजतहिद थे जोकि अपना इज्तिहाद खुद बना सकते थे और इज्तिहाद के लिये उन्हें किस मसलक को मानने की ज़रुरत नही थी।
6. इमाम बुखारी ने कई किताबें लिखी जिनमें अदब अल मुफ़्रद और जामिअ अल मुसनद अल सहीह अल मुख्तसर मिन उमूर रसूलुल्लाह व सुन्ना निही व अय्यामिहि को काफी नाम मिला, यही किताब आगे चलकर सहीह अल बुखारी कहलाई।
7. इमाम बुखारी को अपनी आखिरी उम्र में बुखारा शहर छोड़ना पड़ा और खरतंक में बसना पड़ा, यही इमाम बुखारी ने आखिरी साँसे लीं।
8. इमाम बुखारी की कब्र के नज़दीक आज की उज़्बेकिस्तान सरकार ने म्यूज़ियम बनाया है जहां इमाम बुखारी की ज़िंदगी से जुड़ी चीज़ें आम लोगों के लिए रखी गई हैं।
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